Monday 18 May 2020
ek ummar bit gyi
एक उम्र बिट गयी तुझे चाहने मैं !
तू आज भी बे फिककर है कल की तरह !!
log kehte h kiattl h
लोग कहते है कत्तल है एक सजा
लेकिन सजा तो वो है जो तेरी नज़र ने मुझे घायल किया !!
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